Dashanan was burnt at three places in Ram's court

राम के दरबार में तीन जगह दशानन का हुआ दहन, लंका धू-धूकर जली

Dashanan was burnt at three places in Ram's court

Dashanan was burnt at three places in Ram's court

Dashanan was burnt at three places in Ram's court- चंडीगढ़। राम के दरबार जिसे रामदरबार के नाम से जाना जाता है, में शनिवार को एक ही जगह तीन रावण के पुतले दहन किए गए, लेकिन श्री विश्वकर्मा रामलीला एवं ड्रामाटिक क्लब के तत्वावधान में किया गया रावण दहन आकर्षण का केंद्र रहा। इसके उपरांत रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के विशाल पुतलों का दहन अपार जनसमूह की उपस्थिति में किया गया।

इस मौके पर मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के चंडीगढ़ प्रदेश के अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा, विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लेने वाले अर्थप्रकाश समाचार के प्रधान संपादक श्री महावीर जैन और दैनिक ट्रिब्यून के सहायक संपादक अरुण नथानी, भाजपा के प्रवक्ता नरेश अरोड़ा व प्रदेश कोषाध्यक्ष अवि भसीन भी उपस्थित रहे। मल्होत्रा ने दशहरे को राम के आदर्शों की जीत बताया। मल्होत्रा ने कहा कि श्रीराम के बताये मार्ग का अनुसरण करके ही हम समाज विरोधी ताकतों को समाप्त कर सकते हैं। उन्होंने रामलीला मंचन में विभिन्न पात्रों की साधना की मुक्तकंठ से प्रशंसा की और उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लेने वाले अर्थप्रकाश समाचार के प्रधान संपादक श्री महावीर जैन ने कहा कि आज जरूरत व्यक्ति, परिवार और समाज के रूप में श्रीराम के आदर्शों के अनुपालन की है। श्री जैन ने कहा कि उनके आदर्श हर दौर में हमारे समाज व परिवार के मार्गदर्शक रहे हैं। श्री जैन ने आगे कहा कि आज जो विशाल जनसमूह रावण दहन कार्यक्रम में भागेदारी कर रहा है, वो राम के जीवन के प्रेरक गुणों का संदेश लेकर घर जाए। इससे हम रामराज की स्थापना की ओर बढ़ सकते हैं।

इस मौके भाजपा चंडीगढ़ प्रांत के प्रवक्ता नरेश अरोड़ा ने कहा कि युग बदला है लेकिन श्रीराम के द्वारा जीवन मूल्य मार्गदर्शक बने हुए हैं। उन्होंने हर व्यक्ति से समाज में व्याप्त आसुरी शक्तियों के खिलाफ उठ खड़े होने का आह्वान किया।

इससे पहले अनेक मोहक झांकियों, रथों व घोड़ों में सवार श्रीराम, लक्ष्मण व श्री हनुमान सेना रावण दहन स्थल पर पहुंची। बैंड समूहों की मोहक धुनों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। लोगों ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। अंत में श्रीराम ने रावण वध का मंचन दशहरा महोत्सव स्थल पर किया। असरों पर विजय के उपरांत रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले जलाए गए। हजारों श्रद्दालुओं ने करतल ध्वनि से श्रीराम की विजय का स्वागत किया। फिर अपार जनसमूह के हर्ष उल्लास के बीच में रावण दहन हुआ।

संस्था द्वारा आयोजित 32वें  दशहरा महोत्सव के मौके पर श्री विश्वकर्मा रामलीला एवं ड्रामाटिक क्लब के प्रधान कंवलजीत सिंह सिद्धू ‘मोंटी’ व उप प्रधान संतोष कुमार की अध्यक्षता में विशिष्ट अतिथियों व कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। श्री मोंटी ने बताया कि कई महीनों की साधना के उपरांत रामलीला का मंचन हुआ। इन सभी कलाकारों ने निस्वार्थ भाव से लीला आयोजन में योगदान दिया।

इस अवसर पर रामलीला में भूमिका निभाने वाले कलाकारों सर्वश्री मणि गोस्वामी, राधे मेहरा, मनोज कुमार, अमित मेहरा, सोनू केवल, संदीप कश्यप, रोहित मेहरा, ईश्वर चंद, विनय नायक, राजेश, लाल्ली, दीपू कुंद्रा, शुभम् जटवाणी, अविनाश जातवानी, रोहन जाटवा, धीरज जाटवा, निशु, हर्षित कृष, साहिल, सोनू चंकु सक्षम कश्यप आदि कलाकारों को कुशल अभिनय के लिये स्मृति चिन्ह दिए गए। विशाल जनसमूह की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में अन्य विशिष्ट अतिथियों में विशाल शर्मा, सुमित कौरपाल,  सुनील जीत सिंह,रवींद्र शेखों, शिवकुमार धीमान, बलविंद सिंह अटवाल, अश्वनी कुमार,रवि पहलवान, अमित चौधरी, परवीन वालिया, जसवीर चौधरी, डॉ.ए.के चोपड़ा ने कार्यक्रम में सक्रिय भागेदारी निभायी।